हिमाचल बजट 2020 – विकास की राह में एक और मील का पत्थर

आज मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया और इस बजट को देखने के बाद मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ की हिमाचल जयराम सरकार के सतत प्रयासों से प्रगति की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। जयराम जी ने बजट पेश करने से पूर्व हिमाचल की जनता को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के 50वें वर्ष पूरे होने की बधाई  दी। उन्होंने यह भी घोषित किया की 2020-21 को ‘हिमाचल प्रदेश स्वर्ण जयंती वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा।

पूरे बजट के दौरान जयराम जी ने कई प्रेरणदायक शब्दों से अपने सम्बोधन को सजाया।

अगर ज़िंदगी में पाना है,

तो तरीक़े बदलो, इरादे नहीं।

यह शब्द इन्हीं सुनहरे शब्दों में से एक थे। आइए इस बजट के महत्वपूर्ण अंकों पर एक नज़र डालें:

कृषि बाग़वानी के क्षेत्र में होगा तेज़ी से विकास

  • 20 करोड़ रुपये का कृषि कोष बनाने का प्रस्ताव।
  • IHBT ने हींग की नई प्रजाति की पहचान की है। इसकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। केसर उत्पादन पर भी फोकस किया जाएगा।
  • कृषि संपन्नता योजना की घोषणा।
  • 2020-21 में एक लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा। 20 हेक्टेयर क्षेत्र पर प्राकृतिक खेती करने के लिए 25 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित।
  • 2020-21 में पंचवटी योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पार्कों तथा बागों का निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा।
  • कृषि उत्पाद संरक्षण (एंटी हेलनेट) योजना नामक नई योजना के अंतर्गत एंटी हेलनेट के लिए बांस अथवा स्टील के स्थाई स्ट्रक्चर पर बागवानों तथा किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
  • विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिए 2020-21 में 1,024 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव।
  • हींग और केसर की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि से संपन्नता योजना शुरू होगी।

शिक्षा के स्तर में होगी बढ़ोतरी

  • शिक्षा क्षेत्र पर 2020-21 में 8,016 करोड़ रुपए का खर्च करने का प्रस्ताव।
  • नौ महाविद्यालयों को उत्कृष्ट महाविद्याल बनाने की घोषणा जिसके लिए नौ करोड़ रुपये का प्रावधान।
  • शिक्षा विभाग में कार्यरत आउटसोर्स, आईटी अध्यापकों के मानदेय में 10 फीसदी वृद्धि ।
  • गणित के लिए 50 स्कूलों में प्रयोगशालाएं बनाने का लक्ष्य।
  • आईटी शिक्षकों के मानदेय में 10 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा।
  • जलवाहक छह साल की बजाय अब पांच साल में नियमित होंगे।
  • मिडडे मील वर्करों का मानदेय 300 रुपए बढ़ाने की घोषणा।
  • दसवीं के 100 टॉपर्स को आगे की पढ़ाई के लिए एक एक लाख रुपये देने की घोषणा।
  • क्लस्टर विवि मंडी में आसपास के कॉलेजों को शामिल किया जाएगा।
  • प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए क्लस्टर स्कूल बनाये जाएंगे।
  • स्वर्ण जयंती प्रारंभिक ज्ञानोदय योजना के माध्यम से सभी आधुनिक टेक्नोलॉजी को अपनाया जाएगा और 100 स्कूल चयनित होंगे 15 करोड़ का प्रावधान।
  • गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ज्ञानोदय श्रेष्ठ स्कूल योजना शुरू करने की घोषणा।
  • स्कूलों के नवीकरण के लिए भी 30 करोड़ का प्रावधान। 9 कॉलेज होंगे उत्कृष्ट कॉलेज के रूप में विकसित 9 करोड़ होंगे खर्च।
  • मेधा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत स्वर्ण जयंतीसुपर 100 योजना का आरंभ दसवीं में टॉप 100 छात्रों को व्यावसायिक संस्थाओं में जाने पर 1 लाख प्रति छात्र सहायता की जाएगी।

महिला सशक्तिकरण के लिए वचनबद्ध जयराम सरकार

  • आशा वर्कर का मानदेय 500 रुपये बढ़ाने की घोषणा।
  • पंचायत सिलाई अध्यापिकाओं और पंचायत चौकीदारों को दिए जा रहे मानदेय को 500 रुपए प्रति माह बढ़ाने की घोषणा।
  • ब्रेस्ट कैंसर में बढ़ोतरी को देखते हुए सभी जिला अस्पताल में मेमोग्राफी मशीन लगाई जाएगी ताकि टेस्ट की सुविधा उपलब्ध हो और समय पर बीमारी का पता चल सके।
  • स्वस्थ और सशक्त बाल मातृत्व योजना की शुरुआत।
  • अभी तक 2 लाख 76 हजार परिवारों को गृहिणी सुविधा योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए गए हैं। जिसके पास एलपीजी गैस कनेक्शन न हो उसे इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुविधाओं में सुधार

  • स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 2020-21 में स्वास्थ्य विभाग को 2,702 करोड़ रुपए तथा आयुर्वेद विभाग को 307 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • 60 से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त आर्युवेदिक दवाइयां दी जाएंगी।
  • आधुनिक बाल चिकित्सा सेंटर खोलने की घोषणा। 10 मोबाइल हेल्थ वैन शुरू करने की घोषणा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इसका फायदा मिल सके।
  • सम्मान योजना की घोषणा जिसमें अस्पताल में छोड़े लावारिस मरीजों को सहायता दी जाएगी।

अन्य घोषणाएँ

  • शिमला में गंज बाजार अनाज मंडी को टूटीकंडी में स्थापित किया जाएगा।
  • भूमिहीन और आवास रहित परिवारों की आय सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किए जाने की घोषणा।
  • राजस्व विभाग के अंशकालिक कर्मचारियों का मानदेय 300 रुपये मासिक और नंबरदारों का मासिक मानदेय 500 रुपये बढ़ाने की घोषणा।
  • साहसिक खेल को बढ़ावा देने के लिए पर्वत योजना के अंतर्गत 20 करोड़ रुपये का प्रावधान।
  • पशुपालन क्षेत्र पर 2020-21 बजट अनुमानों में 477 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • प्रदेश सरकार 2020-21 में 100 नई ट्राऊट इकाईयों का निर्माण करेगी। इसके अलावा मछली का उत्पादन बढ़ाने के लिए ट्राऊट मत्स्य पिंजरों का निर्माण करवाया जाएगा।
  • ग्राम पंचायत पशु चिकित्सा सहायकों के 120 पद भरे जाएंगे।
  • हिम कुक्कुट पालन योजना आरंभ होगी। पशुधन की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान पशुपालकों के द्वार पर करने के उद्देश्य से प्रदेश में पायलट आधार पर मोबाइल वैटनरी सेवा का प्रावधान किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत प्रदेश के 11 जिलों के 3,300 गांवों में निशुल्क गर्भाधान योजना का आरंभ किया जाएगा।
  • पिछड़े वर्ग के विकास के लिए एडीबीपी योजना की शुरुआत होगी।
  • District Good Governance Index में पहले स्थान पर रहने वाले ज़िले को 50 लाख, दूसरे स्थान पर 35 लाख का इनाम दिया जाएगा।तृतीय स्थान वाले जिले को 25 लाख रुपए ईनाम राशि दी जाएगी।
  • विधायक प्राथमिकताओं की बैठक साल के दो बार आयोजित होगी। विधायक निधि को 150 करोड़ से 175 करोड़ बढ़ाया
  • नाबार्ड और अन्य वित्त पोषित योजनाओं के माध्यम से मिलने वाली विधायकों की राशि को 105 करोड़ से 120 करोड़ बढ़ाने घोषणा
  • विधायक क्षेत्र विकास निधि डेढ़ करोड़ से बढ़ाकर 1.75 करोड़ करने की घोषणा।
  • आगामी वर्ष में मंत्री परिषद की बैठकों को ई-कैबिनेट सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम्प्यूटरीकरण करके पेपरलैस किया जाएगा
  • प्रस्तावित 7 हजार 900 करोड़ रुपए में से 1 हजार 990 करोड़ रुपए अनुसूचित जाति उपयोजना 711 करोड़ रुपए जनजाति उपयोजना तथा 88 करोड़ रुपए पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना के लिए प्रस्तावित है।
  • 2020-21 के लिए वार्षिक योजना का परिव्यय 7 हजार 900 करोड़ रुपए है, जोकि 2019-20 के योजना आकार 7 हजार 100 करोड़ रुपए से लगभग 11 प्रतिशत अधिक है।

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर सरकार ने अपने हर बजट में यह साबित किया है की जयराम सरकार जनता की सरकार है। हिमाचल इन्वेस्टरस मीट के सफल आयोजन के बाद यह बजट यह सुनिश्चित करेगा की सभी इन्वेस्टमेंट और योजनाएँ ज़मीनी स्तर पर लागू की जाएँ जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा। जयराम जी ने यह उम्मीदों से भरा बजट इन शब्दों के साथ संस्तुत किया:

सफ़र की हद है यहाँ तक की, कुछ निशान रहें,

चले चलो के जहाँ तक, ये आसमान रहे।

ये क्या उठाए कदम, आऊर गई मंज़िल,

मज़ा तो जब है, के पैरों में कुछ थकान रहे।

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